Wednesday, July 25, 2012

तुम नही थे ...

सावन कि दबिश के साथ
पहली फुहारो मे
नदि-नाले उफान ही बदल दि
मौसम के साथ ही अन्तर्मन भीग चुका था
सडके सुनसान 
और गल्लियो कि जवानी
नदारत थी
आसमान पर बदल मडराए थे 
प्याले मे रखी चाय 
अभी तक गरम थी 
सब कुछ था 
मगर तुम नही थे .......
                               - अंकिता "कश्यप"